Retirement Age: प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने डॉक्टर्स की संविदा नियुक्ति (Contractual Appointment for Doctors) की आयुसीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
अब डॉक्टर्स 70 साल की उम्र तक सेवा दे सकेंगे। आइए जानते हैं सरकार के इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी और इसका आम जनता पर क्या असर होगा।
रिटायरमेंट की उम्र में 5 साल की बढ़ोत्तरी
मध्यप्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की संविदा नियुक्ति (Doctors Retirement Age) 65 साल से बढ़ाकर 70 साल कर दी गई है। इससे अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी (Shortage of Doctors) को दूर करने में मदद मिलेगी।
डिप्टी सीएम ने दिया प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश
राज्य के डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया।
उन्होंने अधिकारियों से निर्देश दिया कि जल्दी से जल्दी इस प्रस्ताव को तैयार कर कैबिनेट में भेजा जाए। इस फैसले से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं (Healthcare Services) की गुणवत्ता बेहतर होगी।
इन मेडिकल कॉलेज को भी मिलेगा फायदा
बैठक में रीवा और इंदौर के मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges Upgrade) के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश दिए गए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर्स की भर्ती प्रक्रिया (Recruitment of Medical Officers) को भी समय पर पूरा किया जाए ताकि अस्पतालों में स्टाफ की कमी ना रहे।
वरिष्ठ डॉक्टर्स का अनुभव अब रहेगा उपलब्ध
सरकार के इस कदम से मरीजों को वरिष्ठ डॉक्टर्स (Senior Doctors) के अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पहले वरिष्ठ डॉक्टर्स की सेवाएं जारी रखने के निर्देश दिए थे। इससे अस्पतालों में इलाज का स्तर (Healthcare Quality) और बेहतर हो सकेगा।
आयुसीमा बढ़ाने से होगा ये बड़ा फायदा
अब तक संविदा डॉक्टर्स (Contractual Doctors) की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष थी, लेकिन अब 70 वर्ष तक सेवा देने का अवसर मिलेगा।
इससे प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे (Health Infrastructure) को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण तथा दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होंगी।