भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते युद्ध की आशंका गहराने लगी है। अगर हालात युद्ध की ओर बढ़ते हैं, तो इससे आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। जानिए कौन-कौन सी चीजें महंगी हो सकती हैं और किस देश को होगा ज्यादा नुकसान।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की संभावनाएं तेज हो गई हैं।
लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ गया, तो आपकी रोजमर्रा की ज़रूरतें कैसे प्रभावित होंगी? इस रिपोर्ट में जानिए किन चीजों की कीमतें बढ़ सकती हैं और किस देश पर पड़ेगा ज्यादा असर।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध की आशंका तेज
पहलगाम हमले में 26 नागरिकों की मौत के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर स्थिति नहीं संभली, तो युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं।
पाक को होगा बड़ा आर्थिक झटका
पाकिस्तान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वहां (High Inflation in Pakistan) और विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट चल रही है। IMF कर्ज के सहारे ही देश चल रहा है। युद्ध की स्थिति में भारत से आयात पूरी तरह बंद हो सकता है, जिससे पाकिस्तान में निम्नलिखित चीजों के दाम आसमान छू सकते हैं –
- फल और सब्जियां
- चाय, मसाले
- चीनी, नमक
- डेयरी उत्पाद
- फार्मास्यूटिकल्स
- मोटर पार्ट्स और रंग
युद्ध की स्थिति में इनका निर्यात रुकने से पाकिस्तान में (Daily Use Products) की भारी किल्लत और कीमतों में कई गुना वृद्धि हो सकती है।
युद्ध से भारत की अर्थव्यवस्था पर असर
हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है, लेकिन युद्ध की स्थिति में कुछ उत्पाद महंगे हो सकते हैं। खासकर वे सामान जो पाकिस्तान से भारत आते हैं। इनमें शामिल हैं –
- तरबूज और खरबूजा
- सीमेंट
- सेंधा नमक
- सूखे मेवे
- चूना, पत्थर
- चश्मों के ऑप्टिकल आइटम
- तांबा, सल्फर
- मुल्तानी मिट्टी और कुछ कपड़े
इन सामानों की कमी से (Inflation in India) में हल्का उछाल आ सकता है।
व्यापार पर पड़ा है पहले भी असर
पुलवामा हमले के बाद 2019 में भारत ने पाकिस्तान पर 200% टैक्स लगा दिया था। उस समय दोनों देशों का व्यापार ₹4,370 करोड़ रुपये था, जो घटकर ₹2,772 करोड़ रह गया। ऐसे में अगर युद्ध हुआ, तो दोनों देशों के बीच बचा-खुचा व्यापार भी पूरी तरह रुक सकता है।
इन चीजों पर भी असर
युद्ध के दौरान सिर्फ आयातित चीजें ही नहीं, बल्कि अन्य चीजों की कीमतें भी बढ़ जाती हैं। ट्रांसपोर्टेशन लागत, आपूर्ति में बाधा और सुरक्षा खर्च जैसे कारणों से घरेलू सामान जैसे तेल, सब्जियां, पेट्रोल-डीजल (Fuel Price Hike) आदि की कीमतों में भी उछाल आ सकता है।